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21 Mar 2023 · 1 min read

चांदनी की बरसात के साये में चलते

चांदनी की बरसात के साये में चलते
तारों को परछाईओं में
रात भर हम निहारते वो महकते पल

बरसों बीत गए उन पलों को गुज़रे
पर आज भी महकते हैँ भीतर
जैसे यह हुआ था कल।

डॉ राजीव

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