Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2016 · 1 min read

चलो अबकी बार हटकर दिवाली मनाएं हम

चलो अबकी बार हटकर दिवाली मनाएं हम,
शहीद जवानों के नाम एक दीया जलाएं हम।

करने को रौशनी उन शहीद जवानों के घरों में,
लगाकर गले से उनके परिवारों को दिखाएं हम।

अभी जो फैला है अशिक्षा का अँधकार देश में,
शिक्षा का दीपक जलाकर उसे दूर भगाएं हम।

इस दिवाली जलाएंगे मिट्टी के दीये घरों में हम,
बस करके यही अपनी संस्कृति को बचाएं हम।

दें सीख बच्चों को संस्कृति को जीवंत रखने की,
देकर संस्कार बच्चों को फर्ज अपना निभाएं हम।

किसी चेहरे पर आ जाये मुस्कान हमारी वजह से,
दिवाली पर किसी की जिंदगी को जगमगाएं हम।

प्रार्थना करें उस प्रभु से देश में खुशहाली छाई रहे,
चलो एक बुराई अपनी छोड़ दूसरों की छुड़ाएं हम।

बहुत आदान प्रदान कर लिया है उपहारों का हमने,
अबकी बार गरीबों को यह सम्मान देकर आएं हम।

जाकर बेसहारों की बस्ती में दो मीठे बोल बोलकर,
आओ बड़े प्यार से उनको भी मिठाई खिलाएं हम।

वृद्धाश्रमों, अनाथ आश्रमों में दिवाली मनाने चलें,
चलो तुम पल दो पल उनके साथ भी बिताएं हम।

बहुत ख़ुशी महसूस होगी दूसरों को ख़ुशी देकर,
सुलक्षणा देकर ख़ुशी किसी को ख़ुशी पाएं हम।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

1 Like · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बात ही कुछ और है
बात ही कुछ और है
manorath maharaj
U888
U888
u888tube
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
Dr fauzia Naseem shad
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
Abhishek Soni
4706.*पूर्णिका*
4706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ओ गौरैया,बाल गीत
ओ गौरैया,बाल गीत
Mohan Pandey
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
पूर्वार्थ
हर कोना गुलाबों सा ये महकाए हुए हैं
हर कोना गुलाबों सा ये महकाए हुए हैं
आकाश महेशपुरी
तुम्हारा नंबर
तुम्हारा नंबर
अंकित आजाद गुप्ता
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
M
M
*प्रणय*
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा
Ravi Prakash
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख्वाहिशें
ख्वाहिशें
Arun Prasad
नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप
नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
बारिश की मोतियां
बारिश की मोतियां
Krishna Manshi
माँ मेरी जादूगर थी,
माँ मेरी जादूगर थी,
Shweta Soni
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"तितली रानी"
Dr. Kishan tandon kranti
मां
मां
Phool gufran
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*You Reap What You Sow*
*You Reap What You Sow*
Veneeta Narula
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
ख्वाबों के रेल में
ख्वाबों के रेल में
Ritu Verma
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
राजनयिक कुछ राजनीति के‌...
राजनयिक कुछ राजनीति के‌...
Sunil Suman
काश तुम में वो बात होती!
काश तुम में वो बात होती!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
!!
!! "सुविचार" !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...