Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2022 · 1 min read

**चरम सीमा पर अश्लीलता**

कैसी अब शर्म,
कैसी है लाज
चरम सीमा पर
अश्लीलता है जो विराजमान !!

आँखे शर्म से नहीं झुकाती
ऐसी ऐसी है लोगों की संतान
बीच बाजार में नंगे हो रहे
यह युवा देखो बेशर्म हैवान !!

रिश्ते भी कर दिए सोशल
मिडिया ने अब तार तार
बेच खाई सारी शर्म लोगों ने
फिर भी बनते हैं नादान !!

रिश्तों में हो रहे अब बलात्कार
करने लगे हैं रोजाना तिरस्कार
लीव इन रिलेशनशिप कर गया
सब से ज्यादा सब का बेडा पार !!

सारी हदें अब हो रही हैं पार
कोई नहीं सुनेगा अब वो चित्कार
वीडियो बनाओ तमाशा दिखाओ
यही है बेशर्म दुनिआ में नया अवतार !!

लाज शर्म को कोई नहीं ढकता
जिस्म से कपडे उतारने का चल रहा व्यापार
यही है अश्लीलता दिखती है बार बार
लुप्त हो रहे समाज सुधारक हर बार !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2 Likes · 151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार

You may also like:
शिव अराधना
शिव अराधना
नवीन जोशी 'नवल'
वो मेरे दर्द को
वो मेरे दर्द को
Dr fauzia Naseem shad
अहसास तेरे....
अहसास तेरे....
Santosh Soni
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
एक समय वो था
एक समय वो था
Dr.Rashmi Mishra
समझा होता अगर हमको
समझा होता अगर हमको
gurudeenverma198
संघर्ष से‌ लड़ती
संघर्ष से‌ लड़ती
Arti Bhadauria
आग उगलती मेरी क़लम
आग उगलती मेरी क़लम
Shekhar Chandra Mitra
*नया साल*
*नया साल*
Dushyant Kumar
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
बापू
बापू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
दोहे तरुण के।
दोहे तरुण के।
Pankaj sharma Tarun
*मंथरा (कुंडलिया)*
*मंथरा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
जे जाड़े की रातें (बुंदेली गीत)
जे जाड़े की रातें (बुंदेली गीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मित्रता का बीज
मित्रता का बीज
लक्ष्मी सिंह
तुम
तुम
Er Sanjay Shrivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Aadarsh Dubey
💐प्रेम कौतुक-401💐
💐प्रेम कौतुक-401💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कल बहुत कुछ सीखा गए
कल बहुत कुछ सीखा गए
Dushyant kumar Patel
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
वह है बहन।
वह है बहन।
Satish Srijan
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।
बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।
Manisha Manjari
दिल की धड़कन भी तुम सदा भी हो । हो मेरे साथ तुम जुदा भी हो ।
दिल की धड़कन भी तुम सदा भी हो । हो मेरे साथ तुम जुदा भी हो ।
Neelam Sharma
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अवसाद
अवसाद
Dr Praveen Thakur
जीवन के इस लंबे सफर में आशा आस्था अटूट विश्वास बनाए रखिए,उम्
जीवन के इस लंबे सफर में आशा आस्था अटूट विश्वास बनाए रखिए,उम्
Shashi kala vyas
Loading...