Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2016 · 1 min read

चन्द मुक्तक

चन्द मुक्तक
★★★★★★★★★★★★★★★★★★
1-
भाषा बलशाली होती उनकी, जो होते धनवान यहाँ
हैं सुनते कब कंगालों की अब, आकर वे भगवान यहाँ
सुन-सुन ऊंचे महलों की बोली, छप्पर डर कर मौन हुआ
है ऊपर से ताना भी उनका, अब मुश्किल में जान यहाँ

2-
जिसे भगवान कहते थे बड़ी पहचान रखता है
दिखे है फूल के जैसा जिगर मेँ श्वान रखता है
तुझे गुमराह जिसने कर दिया विश्वास मेँ लेकर
कि कैसे कह दिया तुमने सभी का ध्यान रखता है

3-
हमारे साथ ही सुन लो तुम्हारा ग़म भी जायेगा
तेरे ग़म के वजह से एक दिन ये दम भी जायेगा
जिगर मेँ आग जो फैली यही मुझको जलाएगी
बड़े चर्चित हुए हैँ हम कि ये मौसम भी जायेगा

4-
ढोल तो ताल से हट गया देख लो
तार भी साज का कट गया देख लो
बेसुरा दम्भ से हूँ भरा आदमी
कह रहे हैँ सभी फट गया देख लो

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
Meenakshi Masoom
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
श्रीकृष्ण शुक्ल
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
याद नहीं अब कुछ
याद नहीं अब कुछ
Sudhir srivastava
अरबपतियों की सूची बेलगाम
अरबपतियों की सूची बेलगाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
न तुम भूल जाना
न तुम भूल जाना
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
RAMESH SHARMA
..
..
*प्रणय*
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वर्तमान
वर्तमान
Kshma Urmila
स्टेटस बड़ी चीज़ है
स्टेटस बड़ी चीज़ है
Chitra Bisht
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
Annu Gurjar
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
वो मधुर स्मृति
वो मधुर स्मृति
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
मां ! कहां हो तुम?
मां ! कहां हो तुम?
Ghanshyam Poddar
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
Rambali Mishra
ईश्वर से ...
ईश्वर से ...
Sangeeta Beniwal
ख़ूबसूरत लम्हें
ख़ूबसूरत लम्हें
Davina Amar Thakral
महावर
महावर
D.N. Jha
मम्मी की खीर
मम्मी की खीर
अरशद रसूल बदायूंनी
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
Neelofar Khan
4359.*पूर्णिका*
4359.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"साइंस ग्रुप के समान"
Dr. Kishan tandon kranti
नाविक
नाविक
Arvina
Loading...