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12 Jan 2023 · 1 min read

*घोर प्रदूषण-मार (दोहा-मुक्तक)*

*घोर प्रदूषण-मार (दोहा-मुक्तक)*
➖➖➖➖➖➖➖➖
सभी जगह पर दीखती, घोर प्रदूषण-मार
क्या पर्वत-मैदान क्या, दूषित सब संसार
नगर पुरातन धॅंस रहे, नए नगर बेचैन
प्रगति-विषैली ने डॅंसा, जीवन का आधार
_________________________
*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
34 Views

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