Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2022 · 1 min read

*घोर अमावस कितनी काली (हिंदी गजल/ गीतिका)*

*घोर अमावस कितनी काली (हिंदी गजल/ गीतिका)*
_______________________
1
घोर अमावस कितनी काली
धवल चाँदनी किसने खा ली
2
कुदरत का यह चमत्कार हैं
कभी चाँदनी खोई-पा ली
3
चाँद लुटाता रहा चॉंदनी
और हो गया देखो खाली
4
तारे पूछ रहे हैं नभ से
अब होगी कैसे रखवाली
5
बिना चाँद के उत्सव, मतलब
धरती मना रही दीवाली
6
मत समझो यह चाँद मर गया
ज्यादा नहीं बजाओ ताली
7
चाँद दूज का फिर निकलेगा
बहन सजाएगी फिर थाली
————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 46 Views

Books from Ravi Prakash

You may also like:
रहो नहीं ऐसे दूर तुम
रहो नहीं ऐसे दूर तुम
gurudeenverma198
आनी इक दिन मौत है।
आनी इक दिन मौत है।
Taj Mohammad
■ कटाक्ष
■ कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
Ankit Halke jha
🙏स्कंदमाता🙏
🙏स्कंदमाता🙏
पंकज कुमार कर्ण
बेटा बेटी है एक समान
बेटा बेटी है एक समान
Ram Krishan Rastogi
💐प्रेम कौतुक-311💐
💐प्रेम कौतुक-311💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*अंतिम दिन का मेहमान (गीत)*
*अंतिम दिन का मेहमान (गीत)*
Ravi Prakash
"अबकी जाड़ा कबले जाई "
Rajkumar Bhatt
मन के ब्यथा जिनगी से
मन के ब्यथा जिनगी से
Ram Babu Mandal
मैं रावण हूँ.....
मैं रावण हूँ.....
कुंदन सिंह बिहारी
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
माँ ब्रह्मचारिणी
माँ ब्रह्मचारिणी
Vandana Namdev
सब अपने नसीबों का
सब अपने नसीबों का
Dr fauzia Naseem shad
फना
फना
shabina. Naaz
मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फिर भी करना है संघर्ष !
फिर भी करना है संघर्ष !
जगदीश लववंशी
नामवर रोज बनते हैं,
नामवर रोज बनते हैं,
Satish Srijan
Writing Challenge- भय (Fear)
Writing Challenge- भय (Fear)
Sahityapedia
7…अमृत ध्वनि छन्द
7…अमृत ध्वनि छन्द
Rambali Mishra
कट रही हैं दिन तेरे बिन
कट रही हैं दिन तेरे बिन
Shakil Alam
सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है,
सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना...
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अल्फाज़
अल्फाज़
Dr.S.P. Gautam
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
बिहार का जालियांवाला बाग - तारापुर
बिहार का जालियांवाला बाग - तारापुर
विक्रम कुमार
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
DrLakshman Jha Parimal
माँ
माँ
Kamal Deependra Singh
तमसो मा ज्योतिर्गमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
Shekhar Chandra Mitra
इश्क का तुमसे जब सिलसिला हो गया।
इश्क का तुमसे जब सिलसिला हो गया।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...