Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2016 · 1 min read

घुटती सिसकियां

——
घुटती रहेंगी आखिर कब तक
सिसकियाँ दरवाजो में
लुटती रहेगी कब तक नारी
वासना के गलियारों में
भ्रूण हत्या दहेज हत्या
ग्लैमर के नंगे चौबारे में
राजधानी की डीलक्स बसों में
सफेद चमचमाती कारों में
घर की चारदीवारी में या
खेतो और खलिहानों में
कभी अज्ञात बलात्कारी होते
कहीं रिश्तों के परिधानों में
कोई निर्वस्त्र फूलन बन जाती
कई दम तोड़ देती अस्पतालों में
क्यों लिखा पूज्यनीय नारी है
शक्ति रूपा पुराणों में
क्यों लज़्ज़ा को लज़्ज़ा नहीं आती
नहीं हया रही हैवानो में
कब तक समाज कर्महीन रहेगा
कब होगा सुधार संविधानों में
कब सोई सत्ता जागेगी
थमेगा मवाद क नापाक इरादों में
कब तक नारी परित्यक्ता रहेगी
अपनी ही बेगानो में
ये प्रश्न नहीं मात्र मेरा
हुंकार आज ये हर आँगन में
हे आदिशक्ति कुरुक्षेत्र चुनो
अब तो आओ मैदानों में
हे आदि देव महादेव कहो
क्या दण्ड हो समाधानो में
एक सलाह मेरी मानो
ये पुरुष पुरुषत्व विहीन करो
हो प्रतिबंधित इनका जीवन
समाज राक्षस विहीन करो
समाज राक्षस विहीन करो

जय भारत जय माँ भारती

Language: Hindi
9 Likes · 3 Comments · 520 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
तुम रट गये  जुबां पे,
तुम रट गये जुबां पे,
Satish Srijan
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
Drjavedkhan
जिन्दगी का क्या भरोसा
जिन्दगी का क्या भरोसा
Swami Ganganiya
बंद पड़ीं है लेखनी
बंद पड़ीं है लेखनी
लक्ष्मी सिंह
✴️✳️⚜️वो पगड़ी सजाए हुए हैं⚜️✳️✴️
✴️✳️⚜️वो पगड़ी सजाए हुए हैं⚜️✳️✴️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
Sonu sugandh
देह धरे का दण्ड यह,
देह धरे का दण्ड यह,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
“सराय का मुसाफिर”
“सराय का मुसाफिर”
DESH RAJ
क्या करें वे लोग?
क्या करें वे लोग?
Shekhar Chandra Mitra
मन को मोह लेते हैं।
मन को मोह लेते हैं।
Taj Mohammad
कुंडलिया छंद ( योग दिवस पर)
कुंडलिया छंद ( योग दिवस पर)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2357.पूर्णिका
2357.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
साँवरिया तुम कब आओगे
साँवरिया तुम कब आओगे
Kavita Chouhan
*
*"पिता"*
Shashi kala vyas
तेरे दिल में मेरे लिए जगह खाली है क्या,
तेरे दिल में मेरे लिए जगह खाली है क्या,
Vishal babu (vishu)
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
गुप्तरत्न
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आसमान से ऊपर और जमीं के नीचे
आसमान से ऊपर और जमीं के नीचे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सँविधान
सँविधान
Bodhisatva kastooriya
नया दौर का नया प्यार
नया दौर का नया प्यार
shabina. Naaz
हम पर ही नहीं
हम पर ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
कोई अपनों को उठाने में लगा है दिन रात
कोई अपनों को उठाने में लगा है दिन रात
Shivkumar Bilagrami
आस्तीक भाग -नौ
आस्तीक भाग -नौ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
✍️ये आज़माईश कैसी?✍️
✍️ये आज़माईश कैसी?✍️
'अशांत' शेखर
#आज_का_शेर-
#आज_का_शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
*गठरी बाँध मुसाफिर तेरी, मंजिल कब आ जाए  ( गीत )*
*गठरी बाँध मुसाफिर तेरी, मंजिल कब आ जाए ( गीत )*
Ravi Prakash
【34】*!!* आग दबाये मत रखिये *!!*
【34】*!!* आग दबाये मत रखिये *!!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
कागज के फूल
कागज के फूल
डा गजैसिह कर्दम
अब तो सूर्योदय है।
अब तो सूर्योदय है।
Varun Singh Gautam
Loading...