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9 Nov 2022 · 1 min read

घर

शहर की शोर-शराबा से दूर
गांव में कितना आराम है
घर तो गांव में होता है
शहर में तो मकान है

सुशील चौहान
फारबिसगंज अररिया बिहार

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 1 Comment · 68 Views
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