Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
preeti tiwari
9 Followers
Follow
Report Content
30 Sep 2016 · 1 min read
घडी भर
घडी की सुइंया हर रोज उस घडी मिलती है ……जिस घडी हम मिला करते थे ..घडी भर के लिए
Language:
Hindi
Tag:
कविता
Like
Share
1 Like
· 437 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
surenderpal vaidya
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
वक्त काटना चाहो
Sonam Puneet Dubey
मनुष्य प्रवृत्ति
विजय कुमार अग्रवाल
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
" एकता "
DrLakshman Jha Parimal
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
Indu Singh
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम पत्र
Surinder blackpen
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
Ajit Kumar "Karn"
मतदान
Aruna Dogra Sharma
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बेरहमी
Dr. Kishan tandon kranti
मययस्सर रात है रोशन
कवि दीपक बवेजा
तुम आंखें बंद कर लेना....!
VEDANTA PATEL
मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है
VINOD CHAUHAN
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
माटी
जगदीश लववंशी
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
अरे रामलला दशरथ नंदन
Neeraj Mishra " नीर "
it's a generation of the tired and fluent in silence.
पूर्वार्थ
If We Are Out Of Any Connecting Language.
Manisha Manjari
*जो भी अपनी खुशबू से इस, दुनिया को महकायेगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
*प्रणय प्रभात*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
निकलो…
Rekha Drolia
सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई
Shekhar Chandra Mitra
Loading...