Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2016 · 1 min read

गज़ल

दर्द ग़ज़लों में गुनगुनाते है
चोट खा कर भी मुस्कुराते है।

फासला मौत से नहीं ज्यादा
ये बुढ़ापे में डर सताते हैं

दुश्मनों पे न शक करो यारो
तीर अपने हि तो चलाते है

दिल बचाना हसीं जलवों से
चौके छक्के अदा से आते है।

हर बुराई मेरे ही माथे मढ़
सब्र मेरा वो आजमाते है

बेवफा से वफ़ा निभाई थी
अब जफ़ा से भी कुछ निभाते है

घुमते रोज आसिया माफिक
कर्ज जीवन के हम चुकाते हैं।

597 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मिले मुफ्त मुस्कान
मिले मुफ्त मुस्कान
RAMESH SHARMA
बड़े साहब : लघुकथा
बड़े साहब : लघुकथा
Dr. Mulla Adam Ali
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
ज़ख्म मिले तितलियों से
ज़ख्म मिले तितलियों से
अरशद रसूल बदायूंनी
तू बढ़ता चल....
तू बढ़ता चल....
AMRESH KUMAR VERMA
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
मन को मन का मिल गया,
मन को मन का मिल गया,
sushil sarna
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shally Vij
3125.*पूर्णिका*
3125.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कैसी प्रथा ..?
कैसी प्रथा ..?
पं अंजू पांडेय अश्रु
सागर
सागर
विजय कुमार नामदेव
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
"तुम तो बस अब गरजो"
Ajit Kumar "Karn"
*जमीं भी झूमने लगीं है*
*जमीं भी झूमने लगीं है*
Krishna Manshi
भ्रष्ट नेताओं,भ्रष्टाचारी लोगों
भ्रष्ट नेताओं,भ्रष्टाचारी लोगों
Dr. Man Mohan Krishna
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
उम्मीदें रखना छोड़ दें
उम्मीदें रखना छोड़ दें
Meera Thakur
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
Ravi Prakash
ज़बान
ज़बान
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
सोचता हूँ कभी कभी
सोचता हूँ कभी कभी
हिमांशु Kulshrestha
यॅू तो,
यॅू तो,
TAMANNA BILASPURI
*दिल्ली*
*दिल्ली*
Pallavi Mishra
एहसान फ़रामोश
एहसान फ़रामोश
Dr. Rajeev Jain
" अल्फाज "
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
gurudeenverma198
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
कवि रमेशराज
Loading...