Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

गौतम बुद्ध के विचार

विधा — दोहा छंद
विषय — गौतम बुद्ध के विचार–

*********************************

बालक ये सिद्धार्थ था, शुद्धोधन पितु नाम।
जन्म लिया जिस गाँव में, नाम लुम्बिनी धाम।।

जग के दुख को देखकर, बढ़ा जिया उद्वेग।
शुद्ध-बुद्ध व्यवहार से, पलते मन संवेग।।

दुख-सुख के बंधन यहाँ, यह जग नश्वर सार।
सत्य अहिंसा धर्म से, मिले मुक्ति का द्वार।।

माया ठगिनी है बुरी, देती परदा डाल।
मैं मेरा से मन हटा, बुद्धि मोह मत पाल।।

दुख के बंधन टूटते, मिलते जब गोपाल।
जन्म-मरण तब छूटता, कटते सब जंजाल।

त्याग दिया परिवार को, तप करने की ठान।
बोधिधर्म अपना लिया, मिला जगत सम्मान।।

शुभ करते संकल्प से, करें ईश गुणगान।
धरती के यह देवता, करते जग कल्यान।।

✍️ सीमा गर्ग ‘मंजरी’
मौलिक सृजन
मेरठ कैंट उत्तर प्रदेश।

Language: Hindi
78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुनती हूँ
सुनती हूँ
Shweta Soni
तुम मुक्कमल हो
तुम मुक्कमल हो
हिमांशु Kulshrestha
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
.
.
Ragini Kumari
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
शेखर सिंह
छोटी - छोटी बातें
छोटी - छोटी बातें
Shyam Sundar Subramanian
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
मन मेरा क्यों उदास है.....!
मन मेरा क्यों उदास है.....!
VEDANTA PATEL
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
sushil yadav
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
मोदी को सुझाव
मोदी को सुझाव
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
#सीधी_बात-
#सीधी_बात-
*प्रणय*
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
Rj Anand Prajapati
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
Sakshi Singh
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
Loading...