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5 Aug 2024 · 1 min read

गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,

गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
अपने ग़म को सभी से छिपाता होगा।
देख रुसवाई जहां की,
वह भी मुस्कराता होगा।

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