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12 Jul 2022 · 1 min read

गुरु ईश्वर के रूप धरा पर

गुरु ईश्वर के रूप धरा पर, जग को पाठ पढ़ाते हैं
पंचतत्व के पुतले को, एक इंसान बनाते हैं
अंधकार हरते जीवन का, ज्ञान की ज्योति जलाते हैं
बिना गुरु के ज्ञान नहीं, ज्ञान बिन जीवन पशु समान हैं
मात पिता गुरु शिक्षक जग में, धरती पर भगवान हैं
मानपत्र कोई नहीं जगत में, फीके सब सम्मान हैं
अमूल्य है गुरु का योगदान, शिक्षा कर्म महान है
गुरु पूनम के महापर्व पर, श्रद्धा भाव चढ़ाते हैं मात-पिता श्री गुरु चरणों में, अपना शीश झुकाते हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 210 Views

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