Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2016 · 1 min read

एक गीत लाया हूँ मैं अपने गाँव से (गीत )

एक गीत लाया हूँ मैं अपने गाँव से।
धूल भरी पगडण्डी पीपल की छाँव से।

शब्दों में इसकी थोड़ी ठिठोली है
भौजी ननदिया की यह हमजोली है
‘माई’ के प्यार भरल अँचरा के छाँव से।

लहराए खेतों में सरसो के फूल
ग्रीष्म, वर्षा, शीत सब मुझको क़बूल
कीचड़ में सने हुए हलधर के पाँव से।

खुला आसमान मेरा चाँद औ’ सितारे
पुरवइया बहती है अँगना दुआरे
मिट्टी के चूल्हे पर जलते अलाव से।

होत भिनुसार बोले सगरो चिरइया
अँगना में खूँटे पर रम्भाये गइया
कोयल के कुहू -कुहू कागा के काँव से।
एक गीत लाया हूँ मैं अपने गाँव से।

Language: Hindi
Tag: गीत
324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
सुनों....
सुनों....
Aarti sirsat
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
मज़दूर दिवस विशेष
मज़दूर दिवस विशेष
Sonam Puneet Dubey
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
Ravikesh Jha
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल
जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल
Namita Gupta
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
2451.पूर्णिका
2451.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल में मेरे
दिल में मेरे
हिमांशु Kulshrestha
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
चाहतें मन में
चाहतें मन में
surenderpal vaidya
*माँ सरस्वती जी*
*माँ सरस्वती जी*
Rituraj shivem verma
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
#शुभ_प्रतिपदा
#शुभ_प्रतिपदा
*प्रणय प्रभात*
शर्तों मे रह के इश्क़ करने से बेहतर है,
शर्तों मे रह के इश्क़ करने से बेहतर है,
पूर्वार्थ
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
*माता (कुंडलिया)*
*माता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
टुकड़ों-टुकड़ों में बॅंटी है दोस्ती...
टुकड़ों-टुकड़ों में बॅंटी है दोस्ती...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...