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17 Nov 2022 · 1 min read

गीत

मापनी- 212 212 212 212
धूप में छाँव में”””””‘””या गली गाँव में!
मैं भटकता रहा”””””बस तेरीे नाँव में!!
तुम पे इल्ज़ाम आए””न कोई सनम!
इसलिये सब””””‘”‘सहा हूँ तेरे दाँव में!!

मैेंने ढूंढा तुम्हें हर”””””‘गली हर नगर!
तुम कहीं ना मिले धीर को पर मगर!!
यार यारी का कैसा “”सिला ये दिया!
मैं बिछड़कर तेरे बिन हूँ कैसे जिया!!

यार मालुम नहीं”क्या है हालत मेरी!
बिन तुम्हारे कभी””””मैं रहा ही नहीं!!
आज तुमसे मिला यार ऐसा सबक!
वो ज़वानी कभी””मैं जिया ही नही!!

तुम मिले सच कहूँ””यार ऐसा लगा!
बिन तेरे जिंदगी””””””में रबानी नहीं!!
तुम गये छोड़””””जबसे हमे राहों में!
सच कहें दिल हमारा लगा ही नहीं!!
धीरेन्द्र वर्मा ‘धीर’
मोहम्मदी-खीरी (उत्तर प्रदेश)

Language: Hindi
Tag: गीत
185 Views
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