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22 Dec 2022 · 1 min read

है प्रशंसा पर जरूरी

गीत… हो प्रशंसा पर जरूरी

हो प्रशंसा पर जरूरी बिन्दुओं पर ध्यान हो।
जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।।

वक्त रहता है नहीं हरदम किसी के पास ही।
और मिलते हैं नहीं सबको हमेशा खास ही।।
सत्य होता सत्य है इसका हृदय में भान हो।
जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।।

बोलते हैं लोग कितनी विष भरी बातें यहाँ।
टोकने वाले बताओ रह गये हैं अब कहाँ।।
शुद्ध जिसकी भावना है गर्व से सम्मान हो।
जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।।

आँख मूदे हम करें विश्वास ना वक्तव्य पर।
धारणा निर्मित करें पर ध्यान हो कर्तव्य पर।
श्रेष्ठ है वह धर्म जिससे कर्म का उत्थान हो।
जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।।

ढूँढ़ना जिनका यहाँ पर काम केवल दोष है।
हो नहीं पाता कभी अन्तस् में उनके तोष है।।
दुर्गुणों के आवरण की ठीक से पहचान हो।
जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।।

हो प्रशंसा पर जरूरी बिन्दुओं पर ध्यान हो।
जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 41 Views

Books from Dr. Rajendra Singh 'Rahi'

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