Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2016 · 1 min read

गीत यह वरदान हो ! :::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट८२)

गीत यह वरदान हो ( गीत )
————————–
धूपमें भी जो कराये छॉह की अनुभूति को ,
गीत यह उनको समर्पित , चाहता वरदान हो !

कामनाओं के सजे शत — शत कलश फिर स्वर्ण के ।
साधना को पख मिले , अम्बर मिले सुख – शॉतिका ।
घन अगर गर्जे न कम हो, दामिनी – किलकारियों से ।
हो उजाला जिंदगी में ,दूर हो तम भ्रॉति का ।

आत्म निष्ठा से मिलन को छटपटाते मौन| जो ,
प्रेम का सम्बल बने , उनको सरस प्रतिदान हो । ।

हाथ में पतवार दे , नैराश्य को जो आस दे ,
घोर झंझावातमें जो दीप बुझने दें नहीं ,
जो भँवर में भी उतरकर कूल देते हैं ,बचाते —
जो व्यथा की भी कथा सुन स्नेह चुकने दे नहीं ,
वे भी कमल यशस्वी ही प्रेरणा के स्रोत हो ।।
—– जितेंद्रकमल आनंद

Language: Hindi
Tag: गीत
184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
शादी
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
चांदनी की बरसात के साये में चलते
चांदनी की बरसात के साये में चलते
Dr. Rajiv
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
विमला महरिया मौज
खुद से ही बातें कर लेता हूं , तुम्हारी
खुद से ही बातें कर लेता हूं , तुम्हारी
श्याम सिंह बिष्ट
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-447💐
💐प्रेम कौतुक-447💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परिंदे को गम सता रहा है।
परिंदे को गम सता रहा है।
Taj Mohammad
चंद दोहे नारी पर...
चंद दोहे नारी पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
ruby kumari
मुखौटा
मुखौटा
संदीप सागर (चिराग)
भूल गयी वह चिट्ठी
भूल गयी वह चिट्ठी
Buddha Prakash
'Memories some sweet and some sour..'
'Memories some sweet and some sour..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
#जंगल_में_मंगल
#जंगल_में_मंगल
*Author प्रणय प्रभात*
गलतफहमी
गलतफहमी
विजय कुमार अग्रवाल
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*बोले पति कंजूस (हास्य कुंडलिया)*
*बोले पति कंजूस (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फौजी
फौजी
Seema 'Tu hai na'
विभाजन की पीड़ा
विभाजन की पीड़ा
ओनिका सेतिया 'अनु '
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
✍️क्या ये सच नही..?
✍️क्या ये सच नही..?
'अशांत' शेखर
कितने सावन बीते हैं
कितने सावन बीते हैं
VINOD KUMAR CHAUHAN
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
हम भटकते है उन रास्तों पर जिनकी मंज़िल हमारी नही,
हम भटकते है उन रास्तों पर जिनकी मंज़िल हमारी नही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जीने का अंदाज़
जीने का अंदाज़
Shekhar Chandra Mitra
विरह
विरह
Neelam Sharma
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“ पहिल सार्वजनिक भाषण ”
“ पहिल सार्वजनिक भाषण ”
DrLakshman Jha Parimal
*जितना आसान है*
*जितना आसान है*
नेताम आर सी
Loading...