Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2016 · 1 min read

गीत- दिल खेलोँ का मैदान है

गीत- दिल खेलोँ का मैदान है
★★★★★★★★★★★★★★★★★
भोली सी सूरत है मेरी सीधी सी पहचान है
खेलो जितना जी चाहे दिल खेलोँ का मैदान है
॰॰॰
दुनिया कैसे मुझको जाने
ये तो बस मौका पहचाने
रहता हूँ छप्पर के नीचे
सच्चाई की चादर ताने
शायद वजह यही है मुझसे हर कोई अनजान है
खेलो जितना जी चाहे दिल खेलोँ का मैदान है

तुम तो पीछे पड़ जाते हो
जिद पे अपनी अड़ जाते हो
देख हमारी हालत पतली
सीधे सीधे लड़ जाते हो
तेरे कारण मेरे भीतर भी उमड़ा तूफान है
खेलो जितना जी चाहे दिल खेलोँ का मैदान है

करते थे तुम बातेँ प्यारी
दिल को लूटा बाजी मारी
संग रहा मेरे तूँ अबतक
मतलब जाते टूटी यारी
साथ निभाना मुश्किल है बस कह देना आसान है
खेलो जितना जी चाहे दिल खेलोँ का मैदान है

मान लिया धन लाख नहीँ है
तेरे जैसी साख नहीँ है
जो अभिमानी थे दुनिया मेँ
उनकी भी तो राख नहीँ है
क्या इतराना भाई इस पर नन्हीँ सी तो जान है
खेलो जितना जी चाहे दिल खेलोँ का मैदान है

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
330 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आकाश महेशपुरी
View all
You may also like:
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
AVINASH (Avi...) MEHRA
ख़ुद से ख़ुद को
ख़ुद से ख़ुद को
Akash Yadav
Li Be B
Li Be B
Ankita Patel
पिता और एफडी
पिता और एफडी
सूर्यकांत द्विवेदी
कहां मालूम था इसको।
कहां मालूम था इसको।
Taj Mohammad
अतिथि की भांति
अतिथि की भांति
Dr fauzia Naseem shad
एक तस्वीर तुम्हारी
एक तस्वीर तुम्हारी
Buddha Prakash
परिणय
परिणय
मनोज कर्ण
टीवी मत देखिए
टीवी मत देखिए
Shekhar Chandra Mitra
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
Vishal babu (vishu)
2262.
2262.
Dr.Khedu Bharti
यादों को याद करें कितना ?
यादों को याद करें कितना ?
The_dk_poetry
💐प्रेम कौतुक-427💐
💐प्रेम कौतुक-427💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धार्मिक बनाम धर्मशील
धार्मिक बनाम धर्मशील
Shivkumar Bilagrami
मायका वर्सेज ससुराल
मायका वर्सेज ससुराल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"तुम हक़ीक़त हो ख़्वाब हो या लिखी हुई कोई ख़ुबसूरत नज़्म"
Lohit Tamta
पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।।
पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"खुद के खिलाफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
*Author प्रणय प्रभात*
चन्द्रयान..…......... चन्द्रमा पर तिरंगा
चन्द्रयान..…......... चन्द्रमा पर तिरंगा
Neeraj Agarwal
मन तेरा भी करता होगा
मन तेरा भी करता होगा
Ram Krishan Rastogi
कलयुगी दोहावली
कलयुगी दोहावली
Prakash Chandra
पहाड़ों की रानी
पहाड़ों की रानी
Shailendra Aseem
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बना लो कविता को सखी
बना लो कविता को सखी
Anamika Singh
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
Loading...