Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2016 · 1 min read

“गीतिका”

गीतिका –
——

ये’ जीवन विधाता का’ उपहार है |
ये’ माने वही जो समझदार है |

बुलाती हैं’ गलियाँ मे’रे देश की
विदेशी ये’ राहें कहाँ प्यार है |

बड़ा मोल अपनों का’ समझो इसे
निभाना सदा ही ये’ संसार है |

जगत के जो’ रस्ते हैं’ टेढ़े बने
न रखना सरोकार बेकार है |

सहज पथ ही’ चुनना गमन के लिए
सफर की घड़ी बस बची चार है |

मैं’ राही अकेला चला आ रहा
सँभालो विधाता ये’ मनुहार है |

मिले जब भी’ “छाया” ठहरना वहीं
समझ लो विधाता का’ आभार है |

“छाया”

1 Comment · 407 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी सोच मेरे तू l
मेरी सोच मेरे तू l
सेजल गोस्वामी
*निष्कामी  (कुंडलिया)*
*निष्कामी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इस शहर में
इस शहर में
Shriyansh Gupta
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
शहीदों लाल सलाम
शहीदों लाल सलाम
नेताम आर सी
कर रही हूँ इंतज़ार
कर रही हूँ इंतज़ार
Rashmi Ranjan
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
*खुशियों का दीपोत्सव आया* 
*खुशियों का दीपोत्सव आया* 
Deepak Kumar Tyagi
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग:37
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग:37
AJAY AMITABH SUMAN
प्रेम का आँगन
प्रेम का आँगन
मनोज कर्ण
"जब उड़ी हों धज्जियां
*Author प्रणय प्रभात*
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेंढक और ऊँट
मेंढक और ऊँट
सूर्यकांत द्विवेदी
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बे-पर्दे का हुस्न।
बे-पर्दे का हुस्न।
Taj Mohammad
है वही, बस गुमराह हो गया है…
है वही, बस गुमराह हो गया है…
Anand Kumar
कुछ याद बन गये
कुछ याद बन गये
Dr fauzia Naseem shad
भगवान विरसा मुंडा
भगवान विरसा मुंडा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहीं भी जाइए
कहीं भी जाइए
Ranjana Verma
✍️मैं काश हो गया..✍️
✍️मैं काश हो गया..✍️
'अशांत' शेखर
नए-नए हैं गाँधी / (श्रद्धांजलि नवगीत)
नए-नए हैं गाँधी / (श्रद्धांजलि नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बुलंद हौंसले
बुलंद हौंसले
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
gurudeenverma198
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
Aditya Prakash
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुकरियां __नींद
मुकरियां __नींद
Manu Vashistha
आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
💐प्रेम कौतुक-272💐
💐प्रेम कौतुक-272💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं तो महज आईना हूँ
मैं तो महज आईना हूँ
VINOD KUMAR CHAUHAN
क्युकी ..... जिंदगी है
क्युकी ..... जिंदगी है
Seema 'Tu hai na'
Loading...