Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2024 · 1 min read

गिरगिट माँगे ईश से,

गिरगिट माँगे ईश से,
रंगों का अधिकार ।
लूट लिए इंसान ने,
उसके रंग अपार ।।

सुशील सरना / 16-7-24

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
घूँघट के पार
घूँघट के पार
लक्ष्मी सिंह
4302.💐 *पूर्णिका* 💐
4302.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कैसे तुमने यह सोच लिया
कैसे तुमने यह सोच लिया
gurudeenverma198
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
Ujjwal kumar
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
हम सब एक हैं
हम सब एक हैं
surenderpal vaidya
दीवानों की चाल है
दीवानों की चाल है
Pratibha Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
25. *पलभर में*
25. *पलभर में*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जिनके अंदर जानवर पलता हो, उन्हें अलग से जानवर पालने की क्या
जिनके अंदर जानवर पलता हो, उन्हें अलग से जानवर पालने की क्या
*प्रणय प्रभात*
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
कवि रमेशराज
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
Ravi Prakash
"सँवरने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
Lokesh Sharma
लिखने जो बैठता हूँ
लिखने जो बैठता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
घर का हर कोना
घर का हर कोना
Chitra Bisht
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
Yogendra Chaturwedi
क्यों हिंदू राष्ट्र
क्यों हिंदू राष्ट्र
Sanjay ' शून्य'
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
Loading...