गाँव की स्थिति…..

जमाना बदल गया
रहन-सहन बदल गया
आना-जाना, खाना-पीना,
उठाना बैठना सब कुछ बदल गया
पर.. गांव में आज भी हैं वही पुरानी परंपरा
जिसमें न बदलाव आया न कोई लाया
बर्षो पहले था जो रहन-सहन
आज भी वैसे का वैसा नजर आया
रास्ते हैं कच्चे न पानी की कोई सुविधा
न रीती रिवाज में कोई बदलाव लाया
बिन सुविधा चले है जीवन निरंतर यहाँ
विकास के लिए न कोई आगे आया
गरीबाई अभी भी राज करे हैं
करे हैं आतंक ज्यादा….
फिर…भी जी रहे हैं सब यहां
न कोई आशा की उम्मीद लाया..!!!!!