Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2022 · 1 min read

ग़म नहीं अब किसी बात का

यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
गया अब जमाना खुराफात का‌ ।
जाने कब जवानी में रखा कदम
पता न चला इस मुलाक़ात का।

कोई दिल को जचा,तो जचता गया
हुआ मौसम सुहाना कायनात का।
आंखें दिन में सपनों में खोने लगी
पता न चले अब , दिन रात का।

ये दुनिया नयी सी अब लगने लगी
नया फसाना नयी शुरुआत का।
इश्क ने अब तो है निकम्मा किया
ठोके किसे दावा अब लूटपाट का।
सुरिंदर कौर

Language: Hindi
Tag: कविता
41 Views
You may also like:
तेरी यादें
तेरी यादें
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
Buddha Prakash
न थक कर बैठते तुम तो, ये पूरा रास्ता होता।
न थक कर बैठते तुम तो, ये पूरा रास्ता होता।
सत्य कुमार प्रेमी
शिल्पकार
शिल्पकार
Surinder blackpen
रस्म
रस्म
जय लगन कुमार हैप्पी
इतना मत चाहो
इतना मत चाहो
सूर्यकांत द्विवेदी
■ व्यंग्य / एडिटेड फोटो, इम्पोर्टेड और एडॉप्टेड कमेंट 😊
■ व्यंग्य / एडिटेड फोटो, इम्पोर्टेड और एडॉप्टेड कमेंट 😊
*Author प्रणय प्रभात*
आईने के पास जाना है
आईने के पास जाना है
Vinit kumar
रात सुरमई ढूंढे तुझे
रात सुरमई ढूंढे तुझे
Rashmi Ratn
दवा के ठाँव में
दवा के ठाँव में
Dr. Sunita Singh
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
अंकित के हल्के प्रयोग
अंकित के हल्के प्रयोग
Ankit Halke jha
कूड़े के ढेर में भी
कूड़े के ढेर में भी
Dr fauzia Naseem shad
अंतर दीप जले ?
अंतर दीप जले ?
मनोज कर्ण
आपकी इस मासूमियत पर
आपकी इस मासूमियत पर
gurudeenverma198
फर्ज अपना-अपना
फर्ज अपना-अपना
Prabhudayal Raniwal
कई सूर्य अस्त हो जाते हैं
कई सूर्य अस्त हो जाते हैं
कवि दीपक बवेजा
फिक्र (एक सवाल)
फिक्र (एक सवाल)
umesh mehra
आत्मसम्मान
आत्मसम्मान
Versha Varshney
किरदार अगर रौशन है तो
किरदार अगर रौशन है तो
shabina. Naaz
ग्रहण
ग्रहण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
Manisha Manjari
परवाना ।
परवाना ।
Anil Mishra Prahari
नंदक वन में
नंदक वन में
Dr. Girish Chandra Agarwal
💐प्रेम कौतुक-189💐
💐प्रेम कौतुक-189💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"रामनवमी पर्व 2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था...
✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था...
'अशांत' शेखर
"तेरे बिन "
Rajkumar Bhatt
रंग बरसे
रंग बरसे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Loading...