Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

रद़ीफ़ो का ही सिलसिला कहते-कहते ।
ग़ज़ल रुक गई काफ़िया कहते-कहते ।

कि संसद से सड़कों,गली औ’ घरों तक,
हवा थम गई वाक़या कहते – कहते ।

बुराई ने मुझको छुआ तक नहीं है,
वही थक गए हैं बुरा कहते – कहते ।

हमारी उन्हें फ़िक्र कुछ भी नहीं है,
थके हम उन्हें बावफ़ा कहते – कहते ।

बदलना पड़ेगा निज़ाम – ए -मुहब़्ब़त,
हुई इंतिहा इब़्तिदा कहते – कहते ।

कोई न चला राह-ए-उल्फ़त अभी तक,
थके सब नबी रास्ता कहते – कहते ।

—- ईश्वर दयाल गोस्वामी ।

Language: Hindi
2 Likes · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*** शुक्रगुजार हूँ ***
*** शुक्रगुजार हूँ ***
Chunnu Lal Gupta
रथ निकला नन्द दुलारे की
रथ निकला नन्द दुलारे की
Bharti Das
जिसे जीना हो
जिसे जीना हो
Manoj Shrivastava
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Shyam Sundar Subramanian
3197.*पूर्णिका*
3197.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
°°आमार साद ना मिटिलो.....??
°°आमार साद ना मिटिलो.....??
Bimal Rajak
6. *माता-पिता*
6. *माता-पिता*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
पूर्णिमा
पूर्णिमा
Neeraj Agarwal
दुनिया रंग दिखाती है
दुनिया रंग दिखाती है
Surinder blackpen
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
माँ शारदे
माँ शारदे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
" अन्तर "
Dr. Kishan tandon kranti
किरदार भी बदले है नात रिश्तेदार भी बदले है।
किरदार भी बदले है नात रिश्तेदार भी बदले है।
Rj Anand Prajapati
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
''ये बरसों का सफ़र है हमारे माँ बाप का''
''ये बरसों का सफ़र है हमारे माँ बाप का''
शिव प्रताप लोधी
मायावी लोक
मायावी लोक
Dr. Rajeev Jain
*पदयात्रा का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
*पदयात्रा का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
#भ्रष्टाचार
#भ्रष्टाचार
Rajesh Kumar Kaurav
प्रेम के बहुत चेहरे हैं
प्रेम के बहुत चेहरे हैं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
पापी मनुष्य
पापी मनुष्य
Rahul Singh
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
एक बनी थी शक्कर मिल
एक बनी थी शक्कर मिल
Dhirendra Singh
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
वोट कर!
वोट कर!
Neelam Sharma
- उसको लगता था की मुझे उससे प्रेम हो गया है -
- उसको लगता था की मुझे उससे प्रेम हो गया है -
bharat gehlot
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
बच्चे मन के सच्चे
बच्चे मन के सच्चे
Shutisha Rajput
ନବଧା ଭକ୍ତି
ନବଧା ଭକ୍ତି
Bidyadhar Mantry
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
shabina. Naaz
Loading...