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4 Jan 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

#ग़ज़ल
तुम्हें देखूँ मैं यूँ जब भी तराना याद आता हैं।
मुझे गुजरा हुआ फिर से जमाना याद आता हैं।

हुनर का तो यहाँ पर लोग कदर नहीं किया करते,,
तुम्हारी चाहतों का वो पैमाना याद आता हैं।

दिल टूटा हुआ लेकर लोग राहें बदल लेते,,
वो सबकुछ भूल जाते पर मयखाना याद आता हैं।

कभी गर्मी कभी सर्दी बदलता हर इक मौसम हैं,,
तुम्हारे संग गुजरा पल सुहाना याद आता हैं।

तेरी यादों की दरिया से निकलना ही तो मुश्किल हैं,,
वो बातों बात में हँसना हँसाना याद आता हैं।
📝 शिल्पी सिंह ❤️

Language: Hindi
2 Likes · 442 Views
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