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29 Nov 2022 · 1 min read

तेरी दहलीज पर झुकता हुआ सर लगता है

तेरी दहलीज पर झुकता हुआ सर लगता है।
मुझे अब अपनी अना से भी डर लगता है।
मेरी रूह भी बसने लगी है तेरे शहर में।
हयात जितना है सामान ए सफर लगता है।

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