Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2022 · 1 min read

ग़ज़ल- मेरे दिल की चाहतों ने

ग़ज़ल- मेरे दिल की चाहतों ने

मुझे बारहा रुलाया मेरे दिल की चाहतों ने।
हर बार दिया आसरा मुझे रब की रहमतों ने।।

उसने भेजा है इस जहां में आदमी के रूप में।
कितना बदल डाला है इंसान को इन जातों ने।।

यह सोचकर के हमने उठायी है अब तो क़लम।
जुबां कह न सकी बयां कर दी वो बात इन ख़तों ने।।

हम एक मां के लाल है साथ पले और बढ़े है।
हमें मिलने नहीं दिया आपस की नफ़रतों ने।

अश्क़ अब इन आंखों, नींद क्यों आती नहीं।
फिर शिकायत की है ‘राना’ से तमाम रातों ने।।
***
*© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़*
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

54 Views
You may also like:
स्पार्टकस का विद्रोह
स्पार्टकस का विद्रोह
Shekhar Chandra Mitra
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम...
Seema Verma
किरदार
किरदार
SAGAR
खुदसे ही लड़ रहे हैं।
खुदसे ही लड़ रहे हैं।
Taj Mohammad
हालात-ए-दिल
हालात-ए-दिल
लवकुश यादव "अज़ल"
* सखी *
* सखी *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#नाव
#नाव
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
“मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ”
“मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ”
DrLakshman Jha Parimal
💐अज्ञात के प्रति-124💐
💐अज्ञात के प्रति-124💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भ्राता हो तुझ सा बलराम...
भ्राता हो तुझ सा बलराम...
मनोज कर्ण
"मदद"
*Author प्रणय प्रभात*
!! मुसाफिर !!
!! मुसाफिर !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
ओ मेरी जान
ओ मेरी जान
gurudeenverma198
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
छठ गीत (भोजपुरी)
छठ गीत (भोजपुरी)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बनावटी दुनिया मोबाईल की
बनावटी दुनिया मोबाईल की"
Dr Meenu Poonia
Dont judge by
Dont judge by
Vandana maurya
झरना
झरना
Satish Srijan
गीतिका।
गीतिका।
Pankaj sharma Tarun
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
*मैं किसान हूँ : श्री रमेश कुमार जैन  से काव्य पाठ का आनंद*
*मैं किसान हूँ : श्री रमेश कुमार जैन से काव्य...
Ravi Prakash
एक हरे भरे गुलशन का सपना
एक हरे भरे गुलशन का सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
***
*** " नाविक ले पतवार....! " ***
VEDANTA PATEL
नई सुबह नव वर्ष की
नई सुबह नव वर्ष की
जगदीश लववंशी
उदासियां
उदासियां
Surinder blackpen
तुम यूं मिलो की फासला ना रहे दरमियां
तुम यूं मिलो की फासला ना रहे दरमियां
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
2225.
2225.
Khedu Bharti "Satyesh"
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
Loading...