Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2022 · 1 min read

ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले…

मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले।
हुआ अवसान दिनकर का सवेरा ढूॅंढने निकले।।

घरौंदे को जो ठुकरा कर उड़े थे आसमानों में।
परिंदे सांझ होते ही बसेरा ढूॅंढने निकले।।

विषैले नाग का विषपान जो निस दिन किया करते।
पनीले साॅंप के डर से सॅंपेरा ढूॅंढने निकले।।

लुटेरे हर ठिकानों पर मसीहा बनके बैठे हैं।
मसीहा ख़ुद ही देखो तो लुटेरा ढूॅंढने निकले।।

ज़माने भर में वाहिद ‘कल्प’ ही तो सबसे ऊंचा है।
तुझे नीचा दिखाने सानी तेरा ढूॅंढने निकले।।

✍ अरविंद राजपूत ‘कल्प’

265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अरविन्द राजपूत 'कल्प'
View all
You may also like:
"निर्झर"
Ajit Kumar "Karn"
हम दोनों के दरमियां ,
हम दोनों के दरमियां ,
श्याम सिंह बिष्ट
सफलता और सुख  का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
Leena Anand
अम्मा/मम्मा
अम्मा/मम्मा
Manu Vashistha
दोगला चेहरा
दोगला चेहरा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बन जाने दो बच्चा मुझको फिर से
बन जाने दो बच्चा मुझको फिर से
gurudeenverma198
☀️✳️मैं अकेला ही रहूँगा,तुम न आना,तुम न आना✳️☀️
☀️✳️मैं अकेला ही रहूँगा,तुम न आना,तुम न आना✳️☀️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
*Author प्रणय प्रभात*
तरबूज का हाल
तरबूज का हाल
डॉ.श्री रमण 'श्रीपद्'
कुण्डलिया
कुण्डलिया
Dr. Sunita Singh
कॉल
कॉल
Seema 'Tu hai na'
"पिता"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
तुम को पाते हैं हम जिधर जाते हैं
तुम को पाते हैं हम जिधर जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
Writing Challenge- कला (Art)
Writing Challenge- कला (Art)
Sahityapedia
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
प्यारा बंधन प्रेम का
प्यारा बंधन प्रेम का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कैसे पाएं पार
कैसे पाएं पार
surenderpal vaidya
आकार ले रही हूं।
आकार ले रही हूं।
Taj Mohammad
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
*नेताजी : एक रहस्य*   _(कुंडलिया)_
*नेताजी : एक रहस्य* _(कुंडलिया)_
Ravi Prakash
ग़म का सागर
ग़म का सागर
Surinder blackpen
*!* मोहब्बत पेड़ों से *!*
*!* मोहब्बत पेड़ों से *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
वो कली मासूम
वो कली मासूम
सूर्यकांत द्विवेदी
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
Loading...