Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2023 · 1 min read

गलतियां सुधारी जा सकती है,

गलतियां सुधारी जा सकती है,
गलतफहमियां भी सुधारी जा सकती है…
लेकिन…
गलत धारणाएं कभी भी सुधारी नही जा सकती.!!

सत्य की भूख सभी को लगती है,
लेकिन जब सत्य परोसा जाता है,
…..तो बहुत कम लोगों को
इसका स्वाद अच्छा लगता है ।..

199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल  धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
*खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)*
*खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मां
मां
Irshad Aatif
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
ऋचा पाठक पंत
एक खास याद 'बापू' के नाम
एक खास याद 'बापू' के नाम
Seema 'Tu hai na'
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अछूत का इनार / मुसाफ़िर बैठा
अछूत का इनार / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*****वो इक पल*****
*****वो इक पल*****
Kavita Chouhan
अब किसका है तुमको इंतजार
अब किसका है तुमको इंतजार
gurudeenverma198
चलते-चलते...
चलते-चलते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कृष्ण मुरारी
कृष्ण मुरारी
लक्ष्मी सिंह
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
हमको
हमको
Divya Mishra
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
कैसी ख्वाईश अब
कैसी ख्वाईश अब
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
कवि दीपक बवेजा
बिटिया दिवस
बिटिया दिवस
Ram Krishan Rastogi
कविता –सच्चाई से मुकर न जाना
कविता –सच्चाई से मुकर न जाना
Rakmish Sultanpuri
एक शहीद की महबूबा
एक शहीद की महबूबा
ओनिका सेतिया 'अनु '
चाय पे चर्चा
चाय पे चर्चा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहा
दोहा
Dushyant Baba
शायरी
शायरी
goutam shaw
इश्क़ और इंक़लाब
इश्क़ और इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
जब-जब देखूं चाँद गगन में.....
जब-जब देखूं चाँद गगन में.....
अश्क चिरैयाकोटी
औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
श्याम सरीखे
💐💐💐न पूछो हाल मेरा तुम,मेरा दिल ही दुखाओगे💐💐
💐💐💐न पूछो हाल मेरा तुम,मेरा दिल ही दुखाओगे💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बोली है अनमोल
बोली है अनमोल
जगदीश लववंशी
■ हास्यप्रदV सच
■ हास्यप्रदV सच
*Author प्रणय प्रभात*
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...