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2 Feb 2023 · 1 min read

*गर्वित हो शीश उठे न कभी,नत मस्तक शिष्टाचार रहे (सवैया)*

गर्वित हो शीश उठे न कभी,नत मस्तक शिष्टाचार रहे (सवैया)
______________________
ईर्ष्या छल द्वेष नहीं उपजे,
मन में न कपट कुविचार रहे

धन का आधिक्य मिले न मिले,
प्रभु सेहत का भंडार रहे

सबसे सम्बन्ध मधुर रखना,
प्रभु सबसे सद्व्यवहार रहे

गर्वित हो शीश उठे न कभी,
नत मस्तक शिष्टाचार रहे
_________________________
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.)
मो. 9997615451

Language: Hindi
64 Views
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