Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2016 · 1 min read

गया जो देखकर इक बार चारागर, नहीं लौटा

किसी दिल के दरीचे से कोई जाकर नहीं लौटा
जूँ निकला अश्क राहे चश्म से बाहर, नहीं लौटा

वो क़ासिद, जो भी मेरा ख़त गया लेकर तेरी जानिब
न कोई बात है तो यार! क्यूँ अक्सर नहीं लौटा

मेरा दिल चंद पल तफ़रीह को तुझ तक गया था पर
न जाने क्यूँ वो आवारा अभी तक घर नहीं लौटा

बड़ी है तीरगी ठहरो मशाले जज़्बा ले आऊँ
यही कहकर गया लेकिन मेरा रहबर नहीं लौटा

बड़ी नाज़ुक है शायद मुझ मरीज़े इश्क़ की हालत
गया जो देखकर इक बार चारागर, नहीं लौटा

नहीं वाज़िब है यूँ दिल पे यक़ीं करना भी ग़ाफ़िल जी
करोगे क्या बताकर ही गया पर गर नहीं लौटा

-‘ग़ाफ़िल’

317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
तुम देखो या ना देखो, तराजू उसका हर लेन देन पर उठता है ।
तुम देखो या ना देखो, तराजू उसका हर लेन देन पर उठता है ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अपना ख़याल तुम रखना
अपना ख़याल तुम रखना
Shivkumar Bilagrami
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
Ram Krishan Rastogi
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
Computer Device
Computer Device
Buddha Prakash
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
प्रेमदास वसु सुरेखा
Kbhi Karib aake to dekho
Kbhi Karib aake to dekho
Sakshi Tripathi
कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य
कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आज वही दिन आया है
आज वही दिन आया है
डिजेन्द्र कुर्रे
चांद से सवाल
चांद से सवाल
Nanki Patre
******शिव******
******शिव******
Kavita Chouhan
💐प्रेम कौतुक-165💐
💐प्रेम कौतुक-165💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो
तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो
gurudeenverma198
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
रहना चाहें स्वस्थ तो , खाएँ प्रतिदिन सेब(कुंडलिया)
रहना चाहें स्वस्थ तो , खाएँ प्रतिदिन सेब(कुंडलिया)
Ravi Prakash
बिछड़न [भाग ३]
बिछड़न [भाग ३]
Anamika Singh
चलो चले कुछ करते है...
चलो चले कुछ करते है...
AMRESH KUMAR VERMA
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
कविता
कविता
ashok dard
चाँद की विकृति
चाँद की विकृति
*Author प्रणय प्रभात*
सादगी मशहूर है हमारी,
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
एक मुद्दत से।
एक मुद्दत से।
Taj Mohammad
**बात बनते बनते बिगड़ गई**
**बात बनते बनते बिगड़ गई**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जंगल का रिवाज़
जंगल का रिवाज़
Shekhar Chandra Mitra
पेड़ पौधों के प्रति मेरा वैज्ञानिक समर्पण
पेड़ पौधों के प्रति मेरा वैज्ञानिक समर्पण
Ms.Ankit Halke jha
दोगले मित्र
दोगले मित्र
अमरेश मिश्र 'सरल'
हक़ीक़त में
हक़ीक़त में
Dr fauzia Naseem shad
Loading...