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26 Apr 2020 · 1 min read

गम

“गम”

गम अगर रेत होता
फूकं से उडा देता,
नदी में बहा देता,
दीबार में चिनवा देता ।

गम अगर हवा होता
आंधी से उडा देता,
धुंऐ में मिला देता,
आग में जला देता।

गम तो गम है
न उडता है
न पिघलता है
न वहता है
न जलता है।

गम तो गम है
गम जलाता है,
गम रुलाता है,
आंसुऔं से नैहलाता है
आदमी के साथ
रूह को भी खाता है।
गम तो गम है
डरने वाले को और भी डराता है
गम तो वस होसले से जाता है।।।

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 174 Views
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