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5 Nov 2022 · 1 min read

गज़ल

चाँद माहिर है दिल लुभाने में,
वक्त लेता है पास आने में।

दो दिलों को सुकून मिलता है,
चाँद के नूर में नहाने में ।

जिसके सीने में गम समाया हो,
दर्द होता है दिल दुखाने में।

उनके चेहरे पे जागती रौनक,
क्या बिगड़ता है मुस्कुराने में।

ताक में बैठा है जहाँ सारा,
रूठे दिलदार को मनाने में।

ग़ज़ल सुनने हेतु -youtube link

(जगदीश शर्मा)

Language: Hindi
Tag: ग़ज़ल
2 Likes · 4 Comments · 73 Views
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