गजल – वादा निभाना पड़ेगा
गजल –
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जो किया था वादा वो निभाना पड़ेगा।
दिल के जख्मों पे मरहम लगाना पड़ेगा॥
जहां जाना है तुम चली जाओ लेकिन।
न चाहकर मेरी शायरी में आना पड़ेगा॥
जिन्दगी में गम है,परेशानियाँ बहुत हैं।
पानी है मंजिल तो मुस्कुराना पड़ेगा॥
बहे आसुओं को क्यों पिए जा रहे हो।
एक दिन ये बात सबको बताना पड़ेगा॥
कब तक छिपाओगे इस राज को तुम।
दिल में जो तस्वीर है वो दिखाना पड़ेगा॥
तुम हो राधा मेरी मैं कन्हैया तुम्हारा।
आज ये बात मैया को बताना पड़ेगा॥
तुम्हें देखना है जी भर के फिर से प्रिये।
सुबह छत पे केश सुखाने आना पड़ेगा॥
कहने को बहुत है लेकिन चुप रहूंगा मैं।
तुम्हें और है सुनना तो पास आना पड़ेगा॥
©✍?प्रियांशु कुशवाहा ‘प्रिय’
( छात्र/कवि )
शा० स्व० स्न० महा०
सतना
( मध्यप्रदेश )
दिनांक – 08/01/16