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17 May 2024 · 1 min read

खोते जा रहे हैं ।

हरेक पडाव पर उम्र खोते जा रहे हैं । मुकम्मल जिंदगी करने के लिए, अतिरिक्त पेशा ढोते जा रहे हैं। जरूरत के फेर में चैन को खोते जा हैं ।
व्यक्ति विवशता से जूझ रहा है। ‌ अहंकार ,टकराव आपस में दिख रहा है , ज्यादा। कड़वाहट में जी रहा जिंदगी , रिश्तों में विवाद दिख रहा है। तनाव के हरेक पल जिए जा रहा है, व्यक्ति। हरेक पल शांति खोते जा रहा है।

Language: Hindi
95 Views
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