Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

खोकर अपनों को यह जाना।

खोकर अपनों को यह जाना।
बहुत कठिन है उन्हें भुलाना।
हृदय दग्ध अंतस पीड़ा से-
उसमें खालीपन का आना।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
एक दौर था हम भी आशिक हुआ करते थे
एक दौर था हम भी आशिक हुआ करते थे
Krishan Singh
मुहब्बत का घुट
मुहब्बत का घुट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
लम्हा-लम्हा
लम्हा-लम्हा
Surinder blackpen
मां होती है
मां होती है
Seema gupta,Alwar
गांधीजी के तीन बंदर
गांधीजी के तीन बंदर
मनोज कर्ण
जो दिल के पास रहते हैं
जो दिल के पास रहते हैं
Ranjana Verma
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
Vivek Pandey
है शारदे मां
है शारदे मां
नेताम आर सी
दिले यार ना मिलते हैं।
दिले यार ना मिलते हैं।
Taj Mohammad
“ मिलकर सबके साथ चलो “
“ मिलकर सबके साथ चलो “
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
सत्य कुमार प्रेमी
Man has only one other option in their life....
Man has only one other option in their life....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*अद्‌भुत है अनमोल देह (गीत)*
*अद्‌भुत है अनमोल देह (गीत)*
Ravi Prakash
अकेले-अकेले
अकेले-अकेले
Rashmi Sanjay
छठ गीत (भोजपुरी)
छठ गीत (भोजपुरी)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
कब तुम?
कब तुम?
Pradyumna
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
हौंसलों की कमी नहीं लेकिन ।
हौंसलों की कमी नहीं लेकिन ।
Dr fauzia Naseem shad
2472.पूर्णिका
2472.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
माँ वो है जिसे
माँ वो है जिसे
shabina. Naaz
योग और नीरोग
योग और नीरोग
Dr Parveen Thakur
** फितरत **
** फितरत **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सुकून
सुकून
Neeraj Agarwal
भूतों के अस्तित्व पर सवाल ..
भूतों के अस्तित्व पर सवाल ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
■ एक दोहा
■ एक दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
गुदड़ी के लाल
गुदड़ी के लाल
Shekhar Chandra Mitra
Destined To See A Totally Different Sight
Destined To See A Totally Different Sight
Manisha Manjari
जितना सताना हो,सता लो हमे तुम
जितना सताना हो,सता लो हमे तुम
Ram Krishan Rastogi
Loading...