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21 Oct 2022 · 1 min read

खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया

खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
मेरी माँ के आगे कुछ भी नहीं हैं
खूबसूरत बहुत हैं दुनिया में परियाँ
मेरी माँ के आगे कुछ भी नहीं हैं
दुनिया की दौलत, रुपया और शौहरत
मेरी माँ के आगे सब फीकी पड़ी हैं
मैं राजा बनूँ या रहूं मैं भिकारी
मगर प्यार माँ का कभी बदला नहीं हैं
न गाड़ी से मतलब, न पैसे से मतलब
बस मैं बन जाऊँ क़ाबिल, माँ का सपना यहि हैं
भले माथे पे पड़ गयी शिकन हो
भले उनकी याददाश्त अब थोड़ी कम हो
पर गोलू-गोलू कहते वो थकती नहीं हैं
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
मगर मेरी माँ के आगे कुछ भी नहीं हैं

✍️ D. K math

3 Likes · 1 Comment · 127 Views
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