Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2024 · 1 min read

खुरदरे हाथ

मेरे आँगन में उग आया
एक नन्हा-सा पौधा
बड़ी नाजुक कोंपलों वाला
कच्चे-कच्चे हरे रंग की
छोटी-छोटी पत्तियों वाला

उसकी जड़ों में उगी घास को उखाड़ते
मेरे हाथ
छिल-छिल जाते
उसके नीचे की
मिट्टी को नरम करते
खोदते
खाद डालते मेरे हाथ
फट-फट जाते
यहाँ तक कि
लहू-लुहान हो जाते
फिर भी मैंने
उस पौधे से
कभी शिकायत नहीं की
बस……..
चुपचाप उसे बढ़ता देखती रही।

उसका ऊँचा होता कद
उसका बदलता रंग देख
खुश होती रही
मुझे लगता
मैं कामयाब हूँ।

आज वही पौधा
बड़ा हो गया है
धूप तेज़ हो गई है
मेरी अंगुलियों के पौर
दुखने लगे हैं
फटे हाथों के ज़ख़्मों पर
फर्टीलाइजर नमक-सा लगता है
जब मैं यह देखती हूँ
कि वह घना छायादार पेड़
मेरे घर के आँगन की
दीवार पर झुककर
पड़ोसी के आँगन में
छाया करने लगा है

मेरे हाथ खुरदरे
और खुरदरे
और भी खुरदरे होने लगे हैं

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
शेखर सिंह
दिल की धड़कन भी
दिल की धड़कन भी
Surinder blackpen
विडंबना
विडंबना
Shyam Sundar Subramanian
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जै मातादी
जै मातादी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़ख्म
ज़ख्म
Meera Thakur
दोहे
दोहे
जगदीश शर्मा सहज
छठपूजा
छठपूजा
Sudhir srivastava
*कुपोषण से जंग*
*कुपोषण से जंग*
ABHA PANDEY
सुनो......!!!!!!!
सुनो......!!!!!!!
shabina. Naaz
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"झूठ"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ की वसीयत
माँ की वसीयत
Indu Nandal
सोच और याद
सोच और याद
पूर्वार्थ
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
Sunil Suman
शिव छन्द
शिव छन्द
Neelam Sharma
ज्ञान वापी दर्शन (घनाक्षरी छंद)
ज्ञान वापी दर्शन (घनाक्षरी छंद)
guru saxena
मात्रा कलन
मात्रा कलन
आचार्य ओम नीरव
देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर,
देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हाइकु
हाइकु
भगवती पारीक 'मनु'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
"रेलगाड़ी सी ज़िन्दगी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
Neelofar Khan
कल तेरे नाम से दुनिया ने मुझको जाना था,
कल तेरे नाम से दुनिया ने मुझको जाना था,
Phool gufran
: बूँद की यात्रा
: बूँद की यात्रा
मधुसूदन गौतम
नियति
नियति
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
स्याह एक रात
स्याह एक रात
हिमांशु Kulshrestha
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...