Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2016 · 1 min read

खुद को चोट लगाये कौन —— गज़ल

खुद को चोट लगाये कौन
पत्थर से टकराये कौन

दिल ये नित नित मांगे और
इस दिल को समझाये कौन

सब अपनी दुनिया मे मस्त
इक दूजे के जाये कौन

मार गयी मंहगाई आज
रोटी दाल खिलाये कौन

रंग बदलते रिश्तों को
शीशा रोज दिखाये कौन

ढोंगी साधू संतों से
अपना धर्म बचाये कौन

हक अपने सब मांगें आज
निर्मल फर्ज निभाये कौन

1 Like · 5 Comments · 768 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

यादों की याद रखना
यादों की याद रखना
Dr. Rajeev Jain
गउँवों में काँव काँव बा
गउँवों में काँव काँव बा
आकाश महेशपुरी
भीग जाऊं
भीग जाऊं
Dr fauzia Naseem shad
★आखिरी पंक्ति ★
★आखिरी पंक्ति ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
बारिश का पानी
बारिश का पानी
Poonam Sharma
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Neeraj Agarwal
3932.💐 *पूर्णिका* 💐
3932.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चंद्रयान-३
चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
यादे....
यादे....
Harminder Kaur
‘स्त्री’
‘स्त्री’
Vivek Mishra
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
आचार्य ओम नीरव
दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना
दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना
सुशील भारती
एक लघुकथा
एक लघुकथा
Mahender Singh
रंगों को मत दीजिए,
रंगों को मत दीजिए,
sushil sarna
हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल (कुंडलिया)
हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
किसी से कम नही नारी जमाने को बताना है
किसी से कम नही नारी जमाने को बताना है
Dr Archana Gupta
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर दिल में प्यार है
हर दिल में प्यार है
Surinder blackpen
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
नारी बिन नर अधूरा🙏
नारी बिन नर अधूरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हमें लगा  कि वो, गए-गुजरे निकले
हमें लगा कि वो, गए-गुजरे निकले
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
The Natural Thoughts
The Natural Thoughts
Buddha Prakash
संवेदना का प्रवाह
संवेदना का प्रवाह
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
#दुःखद_दिन-
#दुःखद_दिन-
*प्रणय*
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
Suryakant Dwivedi
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
गले लगना है तो उसको कहो अभी लग जाए
गले लगना है तो उसको कहो अभी लग जाए
Jyoti Roshni
Loading...