Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2023 · 1 min read

खुद का साथ

खुद का साथ
इसलिए जरूरी हैं कि
अपने आप पर दया करना।
खुद से प्यार करना।
खुद को और अपने शरीर को माफ करने के लिए।
ऐसे लोगों की संगति में रहना जो वास्तव में मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं।
ऐसे काम करना जिनसे मुझे खुशी मिलती है।
पल में जीने के लिए।
मेरे पास जो है उसकी सराहना करना।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
मुझे अपने चारों ओर की सुंदरता की लगातार याद दिलाने के लिए।
प्रत्येक दिन मुझे एक बेहतर इंसान बनने में मदद करने के लिए !!

ढेर सारा प्यार और आभार ❤️

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जीवन में सफल होने
जीवन में सफल होने
Rashmi Mishra
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
ruby kumari
अब साम्राज्य हमारा है युद्ध की है तैयारी ✍️✍️
अब साम्राज्य हमारा है युद्ध की है तैयारी ✍️✍️
Rohit yadav
कन्यादान
कन्यादान
Shekhar Chandra Mitra
शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया
शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया
Buddha Prakash
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
Kailash singh
मोबाइल
मोबाइल
लक्ष्मी सिंह
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
Taj Mohammad
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
gurudeenverma198
स्वाधीनता संग्राम
स्वाधीनता संग्राम
Prakash Chandra
Jis waqt dono waqt mile
Jis waqt dono waqt mile
shabina. Naaz
गर्दिश -ए- दौराँ
गर्दिश -ए- दौराँ
Shyam Sundar Subramanian
बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जुबां बोल भी नहीं पाती है।
जुबां बोल भी नहीं पाती है।
नेताम आर सी
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
Jyoti Khari
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
💐अज्ञात के प्रति-86💐
💐अज्ञात के प्रति-86💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आई होली झूम के
आई होली झूम के
जगदीश लववंशी
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नारी उर को
नारी उर को
Satish Srijan
Love all
Love all
Prachi Verma
आज की प्रस्तुति: भाग 4
आज की प्रस्तुति: भाग 4
Rajeev Dutta
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
परिवर्तन विकास बेशुमार
परिवर्तन विकास बेशुमार
Tarun Prasad
Loading...