Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

खा ले तितली एक निवाला

खा ले तितली एक निवाला
खा ले तितली एक निवाला,
आ जाएगा भालू काला- काला,
चले रोप लें लम्बा पेड़,
होगा उस पर टाॅफी- बिस्किट ढेर,
होंगे इनके रेपर चमचम वाला,
खा ले तितली एक निवाला।

दूध मलाई खा के बिल्ली,
दौड़ लगाई पुरानी दिल्ली,
चूहा खा कर रोटी ढेर,
दुम दबाकर भाग शेर,
चिड़िया घर में पर गया ताला,
खा ले तितली एक निवाला।

फुदकी, गिल्ली,सि्ल्ली आओ,
इल्ली इरा ताल मिलाओ,
फट-फट खट-खट झटझट,
दादी का वस्तुनमा खाओ
मत कहना तू बच गया लाला,
खा ले तितली एक निवाला।

देखो खेले भालू बंदर कबड्डी,
किस किस की टूटी हड्डि गुड्डी,
डाॅक्टर बनकर आया कौआ
मोर खा गया सारा खोआ,
चुपचाप बैठ जा जाने वाला,
खा ले तितली एक निवाला।

नाना जी के कंधे पर चढ़कर,
झूमेंगे लेंगे लम्बा आकाश पकड़ कर,
चंदा मामा से कहकर,
खेल खिलौने ला दो भर कर,
गुड्डा- गुड़िया भरभर झोला,
खा ले तितली एक निवाला।

‌‌‌‌‌‌ उमा झा

Language: Hindi
1 Like · 117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from उमा झा
View all

You may also like these posts

दोहे
दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
3483.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3483.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
ठिकाने  सभी अब  बताने लगेंगे।
ठिकाने सभी अब बताने लगेंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माँ नहीं है देह नश्वर
माँ नहीं है देह नश्वर
indu parashar
*संस्मरण*
*संस्मरण*
Ravi Prakash
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
गुमनाम 'बाबा'
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जमी हुई है शक्ल पर, जिनके धूल अपार.
जमी हुई है शक्ल पर, जिनके धूल अपार.
RAMESH SHARMA
हरसिंगार झर गए
हरसिंगार झर गए
Shweta Soni
परिवार
परिवार
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
“अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ...
“अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ...
Sunil Suman
आवारा बादल फिरें,
आवारा बादल फिरें,
sushil sarna
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"लिहाज"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
मौसमों की माफ़िक़ लोग
मौसमों की माफ़िक़ लोग
Shreedhar
हम है बच्चे भोले-भाले
हम है बच्चे भोले-भाले
राकेश चौरसिया
भाग्य
भाग्य
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता
काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता
©️ दामिनी नारायण सिंह
We Mature With
We Mature With
पूर्वार्थ
"दावतें" छोड़ चुके हैं,
*प्रणय*
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
VINOD CHAUHAN
राम हैं क्या ?
राम हैं क्या ?
ललकार भारद्वाज
ऐ चाँद
ऐ चाँद
Saraswati Bajpai
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...