Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2023 · 1 min read

क्षमा एक तुला है

दूसरे की गलती,
मन से देता भुला है।
शांत चित्त रहता,
प्रतिशोध में न घुला है।
कुछ और नहीं,
क्षमा एक तुला है।

ईश्वर की किताब में,
सब लिखा हिसाब में।
सबके साथ में है,
अपने हाथ में है।

जैसा करेंगे,
वैसा भरेंगे।
माफ वही करता
जो नेकी रस में घुला है।
कुछ और नहीं,
क्षमा एक तुला है

वह है इंसाफी,
बस इतना है काफी।
दूसरों की तुम करो,
रब से पाओ माफी।
जैसे बरतेंगे अपनाएंगे,
वैसे तौले जाएंगे।

क्षमा करेंगे क्षमा किये जायेंगे,
जैसा हिसाब करेंगे
वैसे खुद को तौलाएंगे।
दरबार का न्याय,
मिला जुला है।
कुछ और नहीं,
क्षमा एक तुला है।

सतीश सृजन

Language: Hindi
1 Like · 48 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
Ready for argument
Ready for argument
AJAY AMITABH SUMAN
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
याद इतना
याद इतना
Dr fauzia Naseem shad
आख़री तकिया कलाम
आख़री तकिया कलाम
Rohit yadav
तमाशबीन जवानी
तमाशबीन जवानी
Shekhar Chandra Mitra
सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं।
सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं।
Manisha Manjari
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Every morning, A teacher rises in me
Every morning, A teacher rises in me
Ankita Patel
भारत कि स्वतंत्रता का वर्तमान एवं इतिहास
भारत कि स्वतंत्रता का वर्तमान एवं इतिहास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Helping hands🙌 are..
Helping hands🙌 are..
Vandana maurya
“WE HAVE TO DO SOMETHING”
“WE HAVE TO DO SOMETHING”
DrLakshman Jha Parimal
दर्दे दिल…….!
दर्दे दिल…….!
Awadhesh Kumar Singh
Rap song 【5】
Rap song 【5】
Nishant prakhar
*चाय भगोने से बाहर यदि, आ जाए तो क्या कहने 【हास्य हिंदी गजल/
*चाय भगोने से बाहर यदि, आ जाए तो क्या कहने 【हास्य हिंदी गजल/
Ravi Prakash
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
कवि दीपक बवेजा
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
'अशांत' शेखर
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
इसे कहते हैं
इसे कहते हैं
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन !
जीवन !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
Nav Lekhika
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
Vishal babu (vishu)
क्या ख़ूब हसीं तुझको क़ुदरत ने बनाया है
क्या ख़ूब हसीं तुझको क़ुदरत ने बनाया है
Irshad Aatif
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
Anis Shah
शायर हुआ हूं मैं
शायर हुआ हूं मैं
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
मौत
मौत
नन्दलाल सुथार "राही"
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बच्चों की दुनिया"
Dr Meenu Poonia
Loading...