क्यों मैं इतना बदल गया

मत पूछो तुम यह मुझसे, क्यों मैं इतना बदल गया।
करता था जिसको प्यार, क्यों उसको अब भूल गया।।
मत पूछो तुम यह मुझसे ————————।।
हरपल जिसका नाम लबों पर, रहता था यारों कल तक।
हरपल जिसकी यादों में गुम, रहता था यारों कल तक।।
अपनी खुशी कहता था जिसे,उससे क्यों नाखुश हो गया।
मत पूछो तुम यह मुझसे——————।।
देकर जिसको अपना लहू, सींच रहा था मैं जो चमन।
करके जिस पर गर्व बहुत, देख रहा था अपने स्वप्न।।
जिसके बिना था जीवन बेसुर, साज वह क्यों भूल गया।।
मत पूछो तुम यह मुझसे——————।।
क्या मिल गया आज मुझे, बदल गया जो मेरा मिजाज।
किसको दिखाना है क्या मुझे, जिसकी धुन में हूँ आज।।
कहता था जिसको मैं पवित्र, रिश्ता क्यों उससे टूट गया।
मत पूछो तुम यह मुझसे——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)