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22 Jul 2024 · 1 min read

क्या होता होगा

मैंने देखा है समंदर उन आँखों में,
ना जाने आंसुओं के बहने पर उन आँखों का क्या होता होगा।

मैंने देखा उन अधरों को मुस्कुराते हुए,
ना जाने बिना मुस्कुराए उन अधरों का क्या होता होगा।

मैंने देखा है उसको खुशियों में झूमते हुए,
ना जाने बिन नाचे उन घुंघरू का क्या होता होगा।

मैंने देखा है उसको सादगी में रहते हुए,
ना जाने समझदारों के आगे उस बचपने का क्या होता होगा।
-शांभवी जौहरी

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