Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

क्या होता है बचपन ऐसा

कविता

मम्मी से सुनी उसके बचपन की कहानी
सुन कर हुई बडी हैरानी
क्या होता है बचपन ऐसा
उड्ती फिरती तितली जैसा
मेरे कागज की तितली में
तुम ही रंग भर जाओ ना

नानी ज्ल्दी आओ ना

अपने हाथों से झूले झुलाना
बाग बगीचे पेड दिखाना
सूरज केसे उगता है
केसे चांद पिघलता है
परियां कहाँ से आती हैं
चिडिया केसे गाती है
मुझ को भी समझाओ ना

नानी जल्दी आओ ना

गोदीमेंले कर दूध पिलाना
लोरी दे कर मुझे सुलाना
नित नये पकवान खिलाना
अच्छी अच्छी कथा सुनाना
अपने हाथ की बनी खीर का
मुझे स्वाद चखाओ ना

नानी जल्दी आओ ना

अपना हाल सुना नहीं सकता
बसते का भार उठा नही सकता
तुम हीघोडी बन कर
इसका भार उठाओ ना

नानी ज्ल्दी आओ ना

मेरा बचपन क्यों रूठ गया है
मुझ से क्या गुनाह हुअ है
मेरी नानी प्यारी नानी
माँ जेसा बचपन लाओ ना

नानी ज्ल्दी आओ ना

Language: Hindi
3 Comments · 606 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
■ जय लोकतंत्र■
■ जय लोकतंत्र■
*प्रणय प्रभात*
विकृत संस्कार पनपती बीज
विकृत संस्कार पनपती बीज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
Rj Anand Prajapati
पहली बरसात ....
पहली बरसात ....
sushil sarna
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"एक अग्नि की चिंगारी काफी है , जंगल जलाने के लिए l एक बीज का
Neeraj kumar Soni
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
कभी निशाना  चूकता  नहीं।
कभी निशाना चूकता नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
*
*"सिद्धिदात्री माँ"*
Shashi kala vyas
3223.*पूर्णिका*
3223.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*भारतमाता-भक्त तुम, मोदी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भारतमाता-भक्त तुम, मोदी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब लोग उन्हें मार नहीं पाते हैं
जब लोग उन्हें मार नहीं पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🙂
🙂
Chaahat
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
Dr MusafiR BaithA
मन को दीपक की भांति शांत रखो,
मन को दीपक की भांति शांत रखो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
दुनिया इतनी बड़ी किताब है
दुनिया इतनी बड़ी किताब है
Indu Singh
मे तुम्हे इज्जत,मान सम्मान,प्यार दे सकता हु
मे तुम्हे इज्जत,मान सम्मान,प्यार दे सकता हु
Ranjeet kumar patre
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
शेखर सिंह
इश्क़ और चाय
इश्क़ और चाय
singh kunwar sarvendra vikram
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
दीपावली पर बेबहर गज़ल
दीपावली पर बेबहर गज़ल
मधुसूदन गौतम
Loading...