Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

क्या कहें?

क्या कहें सितारों के लिए?
क्या कहें नज़ारों के लिए?
सब कुछ फ़िका है।
काफ़ी है तो बस,
आपकी एक नज़र,
हज़ार शिकारों के लिए!

✍️सृष्टि बंसल

1 Like · 70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक पत्र पुराने मित्रों के नाम
एक पत्र पुराने मित्रों के नाम
Ram Krishan Rastogi
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
Dr. Man Mohan Krishna
निर्भया के न्याय पर 3 कुण्डलियाँ
निर्भया के न्याय पर 3 कुण्डलियाँ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*अगर दूसरे आपके जीवन की सुंदरता को मापते हैं तो उसके मापदंड
*अगर दूसरे आपके जीवन की सुंदरता को मापते हैं तो उसके मापदंड
Seema Verma
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
शमा से...!!!
शमा से...!!!
Kanchan Khanna
आप ऐसा क्यों सोचते हो
आप ऐसा क्यों सोचते हो
gurudeenverma198
किसी रोज मिलना बेमतलब
किसी रोज मिलना बेमतलब
Amit Pathak
वास्तविक प्रकाशक
वास्तविक प्रकाशक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
काश हमारे पास भी होती ये दौलत।
काश हमारे पास भी होती ये दौलत।
Taj Mohammad
देखो-देखो आया सावन।
देखो-देखो आया सावन।
लक्ष्मी सिंह
नसीहत
नसीहत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
'अशांत' शेखर
संगठग
संगठग
Sanjay ' शून्य'
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
बुद्ध धाम
बुद्ध धाम
Buddha Prakash
कोयल मतवाली
कोयल मतवाली
Surinder blackpen
ख़ुलूसो - अम्न के साए में काम करती हूँ
ख़ुलूसो - अम्न के साए में काम करती हूँ
Dr Archana Gupta
💐प्रेम की राह पर-60💐💐
💐प्रेम की राह पर-60💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नदिया रोये....
नदिया रोये....
Ashok deep
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
आंगन महक उठा
आंगन महक उठा
Harminder Kaur
कितना तेरा मैं इंतिज़ार करूं
कितना तेरा मैं इंतिज़ार करूं
Dr fauzia Naseem shad
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
डॉ.श्री रमण 'श्रीपद्'
*बुरे फँसे नुकती के लड्डू की तारीफ कर के( हास्य व्यंग्य )*
*बुरे फँसे नुकती के लड्डू की तारीफ कर के( हास्य व्यंग्य )*
Ravi Prakash
उम्मीदों के परिन्दे
उम्मीदों के परिन्दे
Alok Saxena
सावन आया आई बहार
सावन आया आई बहार
Anamika Singh
Loading...