क्या करें

क्या करें जो दिल तुम पर आ गया।
तेरा मुस्कुराना बस हमें भा गया।
बार बार तुझे देखने की चाहत हुई
चेहरा तेरा हसीं ख्वाब दिखला गया।
मोहब्बत तेरी में दिल धड़कने लगा
आजाद परिंदा पिंजरे में समा गया।
दीवाना, शौदाई लोग हमें कहने लगे
हर नाम लेकिन मेरे दिल को भा गया।
अल्हड़ उम्र का कच्चा सा इश्क तेरा
चाहत में मुझ को कर पक्का गया।
कभी भी बिछड़ना न हो जिंदगी में
खुदा से करने मैं ये दुआ गया।
मिलते हैं बिछड़ते हैं लोग जीवन में
हर कोई कुछ नया समझा गया।
Surinder kaur