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12 Jul 2024 · 1 min read

कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।

कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
ममता के आंचल में, कौन पयस बन जाता ।।
कौन ललित उपवन में , खुशबू महका देता ।
किसका ये जग सारा, कौन अभीष्ट प्रणेता ।।
-जगदीश शर्मा सहज

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