*कौन करता प्यार है (मुक्तक)*

*कौन करता प्यार है (मुक्तक)*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
मुरझा गए जो फूल उनको, कौन करता प्यार है
हर पर्ण-पीला पेड़ के, खुद के लिए बेकार है
आओ चलो कुछ मुस्कुराने की कला को सीख लें
निस्तेज मानव जान लो जो, इस धरा पर भार है
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
*मोबाइल 99976 15451*