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17 Dec 2022 · 1 min read

कोयल मतवाली

गाये हैं कोयल मतवाली। ,कुहू कुहू
झूमीं अंबूआ की डाली । कुहू कुहू।
खोजू मैं उसे इधर उधर
कौन संगीत सुनाने वाली। कुहू कुहू

इतनी मीठी है इसकी बोली।
तराना बन के ये है डोली।
बहार बन के छाये है
हर कली के मुख पे लाली । कुहू कुहू

खोया मन इसकी तान में,
रस घोले ये कान में,
मन मयूरा नाचे मस्त
क्या बात इसने कहा डाली।कुहू कुहू।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
79 Views
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