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12 Feb 2022 · 1 min read

कोई राजा हो या मुफलिस, गवारा हो न पायेगा।

गज़ल
काफिया- आरा
रदीफ़- हो न पायेगा

1222…..1222……1222…..1222
कोई राजा हो या मुफलिस, गवारा हो न पायेगा।
बिना छत रोटी कपड़ों के, गुजारा हो न पायेगा।

ये दिल है आइना तोड़ा है, तुमने ही इसे आखिर,
हमारा दिल ये जानम अब, तुम्हारा हो न पायेगा।

जो ओझल हो गये, दुनियां से अपने या पराए हों,
कभी जीवन में उनका अब, नज़ारा हो न पायेगा।

खुदा ने है बनाया, खूबसूरत ये जहाँ यारो,
हमें है छोड़कर जाना, हमारा हो न पायेगा।

ये जीवन है हमारा आपका किस काम का यारो,
अगर ये दीन दुखियों का सहारा हो न पायेगा।

तमन्ना चाँद पाने की न कर तू ऐ दिले नादां,
जो दुनियां का सितारा है, तुम्हारा हो न पायेगा।

किसी के प्रेम में पागल, दीवाना बन के देखो तो,
जो प्रेमी है किसी का वो, आवारा हो न पायेगा।

……✍️ प्रेमी

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